नई दिल्ली. UPI क्रेडिट लाइन की सुविधा जल्द ही सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए शुरू होने जा रही है। इससे छोटे कर्ज लेने ने वाले लोगों को राहत मिलेगी। पहले क्रेडिट लाइन सुविधा कुछ बैंकों तक ही सीमित थी, लेकिन अब सभी बैंक इसमें शामिल हो जाएंगे। इसके लिए आरबीआई ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
UPI App की इस योजना शुरू होने से उपभोक्ताओं को कर्ज लेने के लिए बैंकों के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बैंकों की योजना है कि छोटे-छोटे कर्ज सीधे यूपीआई ऐप्स के जरिए ग्राहकों को तक पहुंचाई जाएं। क्रेडिट लाइन सुविधा एक तरह का लोन है, जो बैंकों की ओर से अपने ग्राहकों के लिए पहले से मंजूर होगा। इसमें क्रेडिट कार्ड की तरह ही ग्राहक को खर्च करने के लिए निश्चित रकम निर्धारित की जाएगी।
UPI App से यहां भी कर सकेंगे पेमेंट
अब यूपीआई के माध्यम क्रेडिट लाइन से न केवल दुकानों पर पेमेंट कर सकेंगे, बल्कि नगद निकालने, किसी को पैसे भेजने और छोटे दुकानदारों को पेमेंट करने का फीचर मिलेगा। पहले यूपीआई पर क्रेडिट लाइन के जरिए केवलं दुकानों पर ही पेमेंट होता था। अब लोन ओवरड्रफ्ट को यूपीआई से लिंक करके इस्तेमाल किया जा सकेगा। बैंक की ओर से पहले से अप्रूव क्रेडिट लाइन को यूपीआई से लिंक कर सकते हैं और जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल कर बाद में री-पेमेंट कर सकते हैं।
FD-गोल्ड लोन का पैसा भी निकाल सकेंगे
जल्द ही यूजर गोल्ड लोन, बिजनेस लोन और एफडी की रकम भी यूपीआई के जरिए भेज सकते हैं। एनसीपीआई के सर्कुलर के मुताबिक, लोन अकाउंट को यूपीआई अकाउंट से भी लिंक किया जा सकेगा। यानी यूपीआई ऐप के माध्यम से यूजर्स अपने लोन अकाउंट से सीधे पेमेंट कर पाएंगे। एनसीपीआई ने 31 अगस्त 2025 से पहले इन नए नियमों को लागू करने का निर्देश दिया है। यूपीआई वॉलेट में पहले से मंजूर कर्ज राशि का इस्तेमाल उसी काम के लिए होगा, जिसके लिए कर्ज मंजूर किया था। ग्राहक क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल गलत उद्देश्य के लिए करता है, तो बैंक उसे रोक सकेंगे।
रोजाना ₹90,000 करोड़ का लेन-देन
UPI App से लेनदेन लगातार बढ़ रहा है। एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, यूपीआई लेनदेन की औसत डेली वैल्यू जनवरी 2025 में 75,743 करोड़ से बढ़कर जुलाई में 80,919 करोड़ रुपए और अगस्त में 90,446 करोड़ रुपए पहुंच गई है। औसत डेली वॉल्यूम बढ़कर 67.5 करोड़ हो गया। ट्रांजैक्शन के मामले में फोनपे सबसे आगे है, फिर गूगल पे और पेटीएम है। रिपोर्ट में चेताया गया है कि कुछ ही ऐप्स की मोनोपोली फिनटेक इनोवेशन के लिए खतरा है।