‘हारे का सहारा हैं बाबा खाटू श्याम’ इस कलयुग में बाबा खाटू श्याम के भक्तों की संख्या लाखों में है। खाटू श्याम का जन्मोत्सव 12 नवंबर को है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलयुग में खाटू श्याम कृष्ण के रूप में हैं। महाभारत की मानें तो भगवान कृष्ण के आशीर्वाद के कारण खाटू श्याम को कृष्ण कहा जाता है। कार्तिक एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान खाटू श्याम की पूजा की जाती है। पूजा के बाद उन्हें कई तरह के प्रसाद भी चढ़ाए जाते हैं।
दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूरी
कार्तिक एकादशी के दिन Khatu Shyam के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस दिन मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता है। वैसे तो देशभर में कई जगहों पर खाटू श्याम का मंदिर है, लेकिन मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर में है। पौराणिक मान्यता के अनुसार बाबा श्याम के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आरती पढ़ने से मिलती है भूत-प्रेत से मुक्ति
कार्तिक एकादशी के दिन सुबह से शाम तक भजन कीर्तन और आरती चलती रहती है। ऐसे में भक्तों की सुविधा के लिए हम यहां आरती लिख रहे हैं। मान्यता है कि इस आरती को पढ़ने से भूत-प्रेत से मुक्ति मिलती है। ऐसे में जिन भक्तों को भूत-प्रेत का डर रहता है और वे इनसे मुक्ति चाहते हैं, उन्हें इसे जरूर पढ़ना चाहिए।
बाबा खाटू श्याम के कुछ प्रसिद्ध और लाभकारी मंत्र हैं। इन मंत्रों का जाप करें और श्याम बाबा से अपनी हर मनोकामना कहें, आपको जल्द ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।
बाब खाटू श्याम के मंत्र
ॐ श्याम देवाय बर्बरीकाय हरये परमात्मने. प्रणतः क्लेशनाशाय सुह्र्दयाय नमो नमः..
ॐ मोर्वी नंदनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्..
ॐ श्याम शरणम ममः
ॐ खातुनाथाय नमः
बाबा के नाम का केक कटता है काटा
बाबा खाटू श्याम जी का जन्मदिन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन खाटू नगरी में उनका जन्मदिन बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। बाबा के जन्मदिन पर मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और बाबा की मूर्ति को बेहद खूबसूरत वस्त्र भी पहनाए जाते हैं। इस दिन खाटू नगरी में मेले का आयोजन होता है। इस दिन बाबा के नाम का केक भी काटा जाता है और श्याम बाबा की जय, खाटू नरेश की जय, हारे के सहारे की जय के नारे गूंजते हैं। इसके साथ ही भव्य आरती भी की जाती है।
कौन हैं खाटू श्याम
खाटू श्याम दरअसल भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। उन्हें खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है। बर्बरीक में बचपन से ही एक वीर और महान योद्धा के गुण थे और उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे। इसीलिए उन्हें तीन बाण धारी भी कहा जाता है।
क्या है मान्यता
इस मंदिर की एक बहुत ही खास और अनोखी बात है। कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में जाता है उसे हर बार बाबा श्याम का एक नया रूप देखने को मिलता है। कई लोगों को उनके स्वरूप में बदलाव भी देखने को मिलता है।
खाटू श्याम बाबा का प्रिय भोग
श्याम बाबा का प्रिय प्रसाद गाय का कच्चा दूध माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि खाटू श्याम बाबा ने ही खाटू नगरी में सबसे पहले गाय का कच्चा दूध ग्रहण किया था।