देश में खाने-पीने की चीजें एक बार फिर महंगी हो गई हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) ने महंगाई से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। NSO के अनुसार, अक्टूबर में महंगाई दर 14 महीने के अपने शीर्ष स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह RBI की तय सीमा को पार कर चुकी है।
MP में महंगाई दर 3 प्रतिशत बढ़ी
SBI रिसर्च के अनुसार देश के 23 राज्यों में से छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल के दौरान महंगाई सबसे ज्यादा 6.4 प्रतिशत। मप्र में यह बढ़ोतरी 3 प्रतिशत रही है। वहीं राजस्थान इकलौता ऐसा राज्य रहा जहां पर महंगाई दर घटी है। महंगाई बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान हिंदी भाषी राज्यों का रहा है। छत्तीसगढ़ में फुटकर महंगाई सलाना आधार पर करीब 4 गुना बढ़ी।
इसलिए बढ़े रेट
देश के कुछ हिस्सों में बेमौसम बरसात के कारण सब्जियों, खासकर टमाटर और प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई को रोकना काफी जरूरी है, क्योंकि यह सीधे घरेलू महंगाई की कीमतों को प्रभावित करता है। खाने-पीने की चीजों पर महंगाई का असर कुछ ज्यादा ही पड़ा है। अक्टूबर में खाद्य से जुड़ी महंगाई 9 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है। ग्रामीण इलाकों में महंगाई सितंबर में 5.% की तुलना में बढ़कर 6 प्रतिशत हो गई है।
महंगाई ने तोड़ी सीमाएं
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई दर का दायरा 6 फीसदी तय किया है। सरकार का प्रयास रहता है कि महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे रहे। NSO के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में स्थिति संतोषजनक नहीं है। सितंबर में महंगाई दर (Inflation Rate ) 5.49 प्रतिशत थी। अगस्त 2023 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि यह आंकड़ा 6 प्रतिशत की सीमा को पार कर गया हो। अक्टूबर का महीना त्योहारों का रहा है। दशहरा और दिवाली दोनों इसी महीने पड़े हैं।