Monday, July 7, 2025

भारत में HMPV के मामले: स्कूलों और सरकार ने बढ़ाई सतर्कता

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले अब भारत में चर्चा का विषय बन गए हैं। चीन में तेजी से फैल रहे इस वायरस ने दुनियाभर में अलर्ट बढ़ा दिया है। भारत के कुछ राज्यों में एचएमपीवी के आठ मामले सामने आए हैं, और मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस वायरस के खिलाफ सतर्कता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह वायरस छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक प्रभाव डाल सकता है।


बच्चों पर विशेष ध्यान ज़रूरी

मध्य प्रदेश के स्कूलों ने एचएमपीवी के खतरे को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। बच्चों को मास्क पहनकर आने और सर्दी-जुकाम होने पर घर पर रहने की सलाह दी गई है। स्कूल गेट पर स्टाफ तैनात कर बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। किसी बच्चे में लक्षण मिलने पर तुरंत पैरेंट्स को सूचित किया जा रहा है।


राज्य सरकार की तैयारी

हालांकि मध्य प्रदेश में अभी तक एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को संक्रमण पर नजर रखने और रोकथाम के उपाय तेज़ करने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलेजों को विशेष प्रोटेक्शन उपायों पर काम करने का निर्देश भी दिया गया है।


एचएमपीवी के लक्षण और प्रभाव

एचएमपीवी के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं:

  • खांसी
  • गले में खराश
  • नाक बहना
  • हल्का बुखार

कमजोर इम्यूनिटी वाले, छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह संक्रमण फेफड़ों तक पहुंचकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।


कोविड-19 से तुलना

विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपीवी कोविड-19 जितना घातक नहीं है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कहा कि यह वायरस फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। आईसीएमआर ने भी स्पष्ट किया है कि यह वायरस पहले से ही प्रचलन में है।


बचाव के उपाय

  • मास्क का नियमित उपयोग करें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
  • बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।
  • सर्दी-जुकाम के लक्षणों पर डॉक्टर से संपर्क करें।

एचएमपीवी का इतिहास

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की पहचान 2001 में हुई थी, लेकिन यह 1970 से इंसानों में मौजूद है। यह वायरस हल्के श्वसन संक्रमण का कारण बनता है और आमतौर पर जानलेवा नहीं होता।


स्थिति नियंत्रण में

एचएमपीवी को लेकर घबराने की ज़रूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग और स्कूलों द्वारा उठाए गए कदम संक्रमण को फैलने से रोकने में सहायक साबित हो सकते हैं।

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