मुकेश अंबानी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे देश ही नहीं बल्कि, दुनिया के भी ताकतवर कारोबारी हैं। फॉर्च्यून मैगजीन की 2024 की ताकतवर कारोबारियों की सूची में शामिल होने वाले मुकेश अंबानी इकलौते भारतीय हैं। इस सूची में विदेश में बसे भारतीय मूल के छह अन्य लोग भी शामिल हैं। ये लोग बड़े कारोबारियों के संस्थापक, मुख्य कार्यकारी और इनोवेटर हैं। फॉर्च्यून ने हाल ही में कारोबार जगत के 100 सबसे ताकतवर लोगों की सूची जारी की है, जिसमें मुकेश अंबानी को 12वां स्थान मिला है।
अंबानी ने टेलीकॉम सेक्टर की बदली सूरत
मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के मालिक हैं और देश के सबसे बड़े कारोबारियों में गिने जाते हैं। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। जियो लॉन्च करके उन्होंने देश के टेलीकॉम सेक्टर की सूरत बदल दी है। देश के डिजिटलीकरण ने भी विकास को बढ़ावा दिया है। रिटेल सेक्टर में भी कंपनी नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। कंपनी ग्रीन एनर्जी सेक्टर पर भी जोर-शोर से काम कर रही है।
फॉर्च्यून लिस्ट में कौन-किस नंबर पर
फॉर्च्यून पावरफुल बिजनेसमैन लिस्ट 2024 में मुकेश अंबानी के अलावा दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क पहले नंबर पर और एनवीडिया के सीईओ जेनसेन हुआंग दूसरे नंबर पर हैं। सत्य नडेला तीसरे, वॉरेन बफेट चौथे और जेमी डिमन पांचवें स्थान पर हैं। टिम कुक को लिस्ट में 6वां स्थान मिला है, जबकि मार्क जुकरबर्ग 7वें और सैम ऑल्टमैन 8वें सबसे ताकतवर बिजनेसमैन हैं। मैरी बारा और सुंदर पिचाई क्रमश: 9वें और 10वें स्थान पर हैं। मुकेश अंबानी से ठीक पहले यानी 11वें स्थान पर अमेजन के जेफ बेजोस हैं।
हर साल निकलती है फॉर्च्यून लिस्ट
फॉर्च्यून 500 राजस्व के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की एक वार्षिक सूची है। इसे हर साल फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा संकलित किया जाता है और पिछले वित्तीय वर्ष के राजस्व के आधार पर सार्वजनिक और निजी लाभ कमाने वाली कंपनियों को रैंक किया जाता है। फॉर्च्यून 500 सूची ऑनलाइन और पत्रिका के प्रिंट संस्करण में उपलब्ध है और इस पर बारीकी से नजर रखी जाती है। सूची में शामिल होना और फॉर्च्यून 500 कंपनी का नाम दिया जाना व्यापक रूप से प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।
फॉर्च्यून सूची अमेरिकी व्यापार पत्रिका फॉर्च्यून द्वारा जारी की जाने वाली एक प्रतिष्ठित वार्षिक सूची है। इस सूची में दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे प्रभावशाली और सबसे अधिक लाभदायक कंपनियों की पहचान की जाती है। फॉर्च्यून कई प्रकार की सूचियाँ प्रकाशित करता है, लेकिन दो सूचियाँ सबसे लोकप्रिय हैं।
फॉर्च्यून 500
यह सूची अमेरिका की सबसे बड़ी 500 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है, जो उनके राजस्व (रेवेन्यू) पर आधारित होती है।
फॉर्च्यून ग्लोबल 500
यह सूची दुनिया भर की सबसे बड़ी 500 कंपनियों को उनके राजस्व के आधार पर रैंक करती है।
क्यों बनाई जाती है यह सूची?
इस सूची का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों में सबसे सफल और सबसे बड़ी कंपनियों की पहचान करना और व्यापार जगत में उनकी स्थिति का मानकीकरण करना है। यह कंपनियों के व्यावसायिक प्रदर्शन, वित्तीय ताकत और प्रभाव का मूल्यांकन करता है और उन्हें वैश्विक मंच पर रखता है।
कौन बनाता है यह लिस्ट?
फॉर्च्यून पत्रिका का विशेष अनुसंधान दल इन सूचियों को तैयार करता है। वे कंपनियों के वार्षिक वित्तीय विवरणों का विश्लेषण करते हैं और उन्हें विभिन्न आर्थिक मानदंडों के आधार पर रैंक करते हैं।
ये भारतीय हो चुके हैं शामिल
भारतीय कंपनियां भी कई सालों से इस सूची में शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियाँ नियमित रूप से फॉर्च्यून ग्लोबल 500 में शामिल होती हैं। इसके अलावा, कुछ भारतीय सीईओ, जैसे सुंदर पिचाई (गूगल), सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ्ट) और इंदिरा नूयी (पूर्व सीईओ, पेप्सिको) ने भी अपनी कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई है।
अधिक राजस्व वाली कंपनी करते हैं शामिल
फॉर्च्यून 500 उन कंपनियों पर केंद्रित है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में निगमित और संचालित हैं तथा सरकारी एजेंसियों के साथ वित्तीय विवरण दाखिल करती हैं। इसमें सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली और निजी तौर पर आयोजित दोनों तरह की कंपनियां शामिल हैं। कंपनियों के इस समूह में से, 500 कंपनियां जो अपने संबंधित वित्तीय वर्षों के लिए उच्चतम कुल राजस्व की रिपोर्ट करती हैं, जैसा कि उनके 10-के फाइलिंग या तुलनीय वित्तीय विवरणों में बताया गया है, सूची में शामिल हैं। फिर 500 को रैंक किया जाता है, जिसमें सबसे उच्च रैंक वाली कंपनी सबसे अधिक राजस्व वाली कंपनी होती है। सरकारी एजेंसियों और विदेशी निगमों के साथ वित्तीय विवरण दाखिल नहीं करने वाली निजी कंपनियों को भी इस सूची से बाहर रखा गया है। इसी तरह, अन्य कंपनियों द्वारा समेकित यूएस कंपनियां और ऐसी कंपनियां जो चालू वित्तीय वर्ष की कम से कम तीन तिमाहियों के लिए पूर्ण वित्तीय विवरण दाखिल करने में विफल रहती हैं, उन्हें भी इस सूची से बाहर रखा गया है। फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से कई S&P 500 इंडेक्स में शामिल हैं, इसलिए यदि आप इनमें से कई कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं, तो S&P 500 इंडेक्स फंड पर विचार करें।