भारत के दो सबसे अमीर उद्योगपतियों – मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की संपत्ति में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। दोनों दिग्गज कारोबारी $100 बिलियन की संपत्ति के क्लब से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की नेटवर्थ में आई गिरावट का कारण उनकी कंपनियों के प्रदर्शन और बाहरी जांच-पड़ताल को बताया जा रहा है।
मुकेश अंबानी की संपत्ति में गिरावट – $120.8 बिलियन से $96.7 बिलियन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की संपत्ति 2024 के दौरान लगातार घटती रही। जुलाई 2024 में उनकी संपत्ति $120.8 बिलियन पर पहुंची थी, लेकिन दिसंबर 2024 तक यह घटकर $96.7 बिलियन हो गई।
संपत्ति में गिरावट के कारण
- एनर्जी बिजनेस में गिरावट – रिलायंस के एनर्जी बिजनेस से कमाई में गिरावट आई है, क्योंकि तेल और केमिकल्स की मांग घट गई है।
- रिटेल सेक्टर में सुस्ती – रिलायंस के रिटेल बिजनेस में भी उपभोक्ता खर्च में कमी देखने को मिली है। ग्राहकों की घटती डिमांड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण यह सेक्टर प्रभावित हुआ है।
- स्टारलिंक का खतरा – एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा भारत में आने वाली है, जो जियो की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए चुनौती बन सकती है।
- डिजिटल कारोबार की चुनौतियां – रिलायंस डिजिटल प्लेटफॉर्म और ग्रॉसरी सेक्टर में नई कंपनियों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।
आगे की रणनीति
मुकेश अंबानी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म, रिटेल ब्रांड्स और रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस करने की योजना बनाई है। साथ ही, उन्होंने Walt Disney Co. के साथ $8.5 बिलियन की साझेदारी करके भारत के स्ट्रीमिंग सेक्टर में मजबूत पकड़ बनाने का इरादा जताया है।
गौतम अडानी की संपत्ति में गिरावट – $122.3 बिलियन से $82.1 बिलियन
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को भी बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उनकी संपत्ति जून 2024 में $122.3 बिलियन थी, जो दिसंबर 2024 में घटकर $82.1 बिलियन रह गई।
संपत्ति में गिरावट के कारण
- US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की जांच – नवंबर 2024 में अडानी ग्रुप पर अमेरिकी अधिकारियों ने रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की।
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट – 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे, जिससे उनकी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।
- निवेशकों का भरोसा कमजोर – जांच और वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट के कारण निवेशकों का विश्वास हिला है, जिससे अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है।
अडानी का जवाब
गौतम अडानी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उनकी कंपनियां “वर्ल्ड-क्लास रेगुलेटरी कंप्लायंस” का पालन करती हैं। उनका मानना है कि हर चुनौती उन्हें और मजबूत बनाएगी।
अंबानी और अडानी – 100 बिलियन डॉलर क्लब से बाहर
2024 की शुरुआत में अंबानी और अडानी, दोनों 100 बिलियन डॉलर क्लब का हिस्सा थे, लेकिन बाजार की अनिश्चितता, विदेशी जांच और व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों के कारण वे इस क्लब से बाहर हो गए।
व्यक्ति | पिछली नेटवर्थ | वर्तमान नेटवर्थ | गिरावट |
---|---|---|---|
मुकेश अंबानी | $120.8 बिलियन | $96.7 बिलियन | $24.1 बिलियन |
गौतम अडानी | $122.3 बिलियन | $82.1 बिलियन | $40.2 बिलियन |
अन्य भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में इजाफा
हालांकि अंबानी और अडानी की संपत्ति घटी है, लेकिन अन्य भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में इजाफा हुआ है।
- शिव नाडर – HCL टेक्नोलॉजी के संस्थापक शिव नाडर की संपत्ति $10.8 बिलियन बढ़ी है।
- सावित्री जिंदल – जिंदल ग्रुप की प्रमुख सावित्री जिंदल की संपत्ति $10.1 बिलियन बढ़ी है।
विशेषज्ञों की राय
WealthMills Securities के इक्विटी मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट क्रांति बथिनी का कहना है कि:
“रिलायंस अब भी एक मजबूत वेल्थ क्रिएटर है, लेकिन तेल के कारोबार पर दबाव के कारण शेयर ने अंडरपरफॉर्म किया है।”
IIM कोलकाता के प्रोफेसर वी.के. उन्नी के अनुसार,
“डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां और भारत से निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ का असर अडानी और अंबानी के कारोबार पर पड़ सकता है।