Monday, July 7, 2025

बिना मेहनत के ज्यादा कमाई! SEBI का Algo Trading पर बड़ा ऐलान!

क्या है एल्गो ट्रेडिंग?

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) एक ऐसी तकनीक है जो निवेशकों के लिए शेयर बाजार में तेज और सटीक फैसले लेने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम और ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग करती है। इस प्रोग्राम में पहले से ही कुछ नियम और शर्तें सेट की जाती हैं, जैसे “जब शेयर की कीमत X हो जाए तो खरीद लो” और “जब कीमत Y हो जाए तो बेच दो”। एल्गो ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह इंसानों की तुलना में तेजी और सटीकता से ट्रेडिंग के फैसले कर सकती है।

एल्गो ट्रेडिंग का उपयोग बड़े निवेशक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और हेज फंड्स करते आए हैं, लेकिन अब SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने इसे रिटेल निवेशकों के लिए भी उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।


एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

  • नियम और शर्तें सेट करना: निवेशक एक प्रोग्राम बनाते हैं जिसमें नियम सेट किए जाते हैं। जैसे – जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत 50 दिन के मूविंग एवरेज (Moving Average) से ऊपर हो और 200 दिन के मूविंग एवरेज से भी ऊपर हो, तो उस शेयर को खरीदने का आदेश दिया जाए।
  • डाटा मॉनिटरिंग: यह प्रोग्राम शेयर बाजार के हर एक सेकंड के डाटा पर नजर रखता है और जब भी प्री-सेट नियमों की स्थिति बनती है, यह ऑटोमेटिक रूप से ट्रेडिंग कर देता है।
  • ऑटोमैटिक ट्रेडिंग: इसमें ट्रेडर को मैनुअल ऑर्डर डालने की जरूरत नहीं होती। एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम खुद ही ऑर्डर प्लेस करता है। इस तरह निवेशक को शेयर की कीमत और चार्ट्स की लगातार निगरानी नहीं करनी पड़ती।
  • फास्ट और सटीक फैसले: एल्गो ट्रेडिंग तेजी से निर्णय लेकर खरीद और बिक्री के आर्डर एक सेकंड के भीतर लगा देता है, जबकि इंसान के लिए इतने तेजी से काम करना संभव नहीं है।

एल्गो ट्रेडिंग से क्या होगा फायदा?

  • फास्ट ट्रेडिंग: इंसानों की तुलना में एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम सेकंड्स के भीतर ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
  • लिक्विडिटी में सुधार: शेयर बाजार में लिक्विडिटी (लिक्विडिटी का मतलब है बाजार में उपलब्ध कैश की मात्रा) बढ़ेगी।
  • रिटेल निवेशकों को मौका: SEBI के नए प्रस्ताव से रिटेल निवेशक भी एल्गो ट्रेडिंग का लाभ उठा सकेंगे
  • गलतियों की संभावना कम: इंसानों के मुकाबले एल्गो ट्रेडिंग की गलती की संभावना कम होती है क्योंकि इसमें फैसले प्री-सेट लॉजिक और अल्गोरिदम के आधार पर लिए जाते हैं।
  • निगरानी की जरूरत नहीं: निवेशकों को लगातार शेयर प्राइस ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर खुद ही सबकुछ मॉनिटर करता है

SEBI का बड़ा फैसला: रिटेल निवेशकों को भी मिलेगा एल्गो ट्रेडिंग का मौका

अब तक, एल्गो ट्रेडिंग का फायदा केवल बड़े निवेशकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को मिलता था, लेकिन SEBI ने अब रिटेल निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग की अनुमति देने की योजना बनाई है। SEBI के इस कदम से छोटे निवेशकों को भी बड़े निवेशकों के बराबर का मौका मिलेगा। SEBI ने इसको लेकर ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है और निवेशकों से सुझाव मांगे हैं।


ड्राफ्ट सर्कुलर में SEBI के सुझाव

  1. रिटेल निवेशकों को अनुमति: अब छोटे निवेशक भी ब्रोकर्स के जरिए एल्गो ट्रेडिंग के ऑर्डर दे सकते हैं
  2. क्लियर नियम और संतुलन: सेबी ने ब्रोकर्स के लिए कड़े नियम और जांच का प्रावधान किया है, ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
  3. एक्सचेंज-लेवल निगरानी: SEBI ने एक्सचेंज को ऐसा सिस्टम बनाने का निर्देश दिया है जो नियमों का पालन न करने वाले एल्गो ऑर्डर्स को रद्द कर सके

SEBI की रिपोर्ट: 96% मुनाफा एल्गो ट्रेडिंग से

एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीईओ अजय गर्ग के अनुसार, SEBI की स्टडी में पता चला कि वित्तीय वर्ष 2024 में 97% विदेशी फंड और 96% बड़े निवेशकों का मुनाफा एल्गो ट्रेडिंग से आया। यह आंकड़ा यह बताता है कि एल्गो ट्रेडिंग आज के बाजार में कितनी प्रभावी है और क्यों रिटेल निवेशकों के लिए इसे शुरू करना जरूरी हो गया है


एल्गो ट्रेडिंग के प्रकार

  1. ऑटोमेटेड ट्रेडिंग: ऑटोमेटिक तरीके से ट्रेडिंग करना, जहां निवेशक को मैनुअली ऑर्डर डालने की जरूरत नहीं पड़ती।
  2. हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT): माइक्रोसेकंड्स में ट्रेड्स को पूरा करना और प्राइस में छोटे-छोटे अंतर का लाभ उठाना।
  3. स्टेटिस्टिकल ट्रेडिंग: आंकड़ों के आधार पर निर्णय लेना और किसी शेयर की कीमत में छोटे बदलावों का लाभ उठाना।

एल्गो ट्रेडिंग के लिए चार प्रमुख शर्तें

  1. आय सीमा: परिवार की सालाना आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  2. सरकारी कर्मचारी नहीं: परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी या सार्वजनिक प्रतिनिधि नहीं होना चाहिए।
  3. टैक्स नहीं देता हो: परिवार का कोई सदस्य आयकर (Income Tax) या जीएसटी (GST) नहीं देता हो
  4. किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं: लाभार्थी को किसी अन्य सरकारी योजना के तहत वित्तीय सहायता नहीं मिलनी चाहिए

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